ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs – ये जो मुंह उठा कर ऑस्ट्रेलिया का जाप शुरू कर देते है ना, कि ऑस्ट्रेलिया वालो की सोच ट्रॉफी जीतने की होती है, ऑस्ट्रेलिया वाले मोती मूतते है, सोना थूकते है। उनको ऑस्ट्रेलिया से कोई मतलब या हमदर्दी नही होती है, बस कुछ लड़के होते है जिन्हे घर में खाना दो तो उन्हे मौत आती है और वही चीज दूसरे के घर ऐसे खाते है जैसे कभी मिला ही नहीं खाने को। जैसे इनके घर में चूल्हा ही नही जलता कभी।
ऑस्ट्रेलिया की माला जपने वाले ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट ही फॉलो नही करते होंगे, वो सीधा रिजल्ट देखते है और फिर उस रिजल्ट को दूसरी टीम से कंपेयर करेंगे और फिर वही पुराना राग ऑस्ट्रेलिया वाले खैर एक बात लोग अक्सर बोलते है कि ऑस्ट्रेलिया जो है, वहा कोई स्टार नही होता है, पूरी टीम एक बराबर होती है, ये लोग रिकॉर्ड के लिए नही खेलते, माइलस्टोन माने कुछ नही, और इनके लिए राष्ट्रीय टीम सर्वोपरी होती है। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
अब जिस टीम के पास छे वर्ल्ड कप ट्रॉफी हो, उसके बारे में आप ये कह दो कि ये लोग चांदनी रात में गुलर के फूल पर गिरी हुई ओस चाटते है तो लोग मान ही लेंगे। पर क्या ऑस्ट्रेलिया सच में इतनी बड़ी तोप है या वहा के खिलाड़ियों को सच में कोई अलग तरह का टेंप्रामेंट सिखाया जाता है?
देखो भाई, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जो है न वो दोनो क्रिकेट के मां बाप है। 1877 में जो पहला टेस्ट था वो इन्ही दोनो के बीच खेला गया था। शुरुआत उससे पहले ही हो गई थी, पर ये ऑफिशियल पहला टेस्ट था।1889 में साउथ अफ्रीका तीसरी टीम बनी टेस्ट खेलने वाली।1892 में ऑस्ट्रेलिया वालो के यहां शेफील्ड शील्ड ट्रॉफी शुरू हो गई थी जिससे इनका डोमेस्टिक क्रिकेट का स्ट्रक्चर बिल्ड होना शुरू हुआ। उसके बाद 1890 से लेकर 1928 तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ही आपस में खेलते रहे, और भाई साहब यकीन मानो बहुत हराते थे ये लोग इंग्लैंड को। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
इतने साल तक ऑस्ट्रेलिया ने जीतने मैच जीते वो अभी भीं रिकॉर्ड में गिने जाते है। कमाल की बात ये है कि 1901 से पहले ऑस्ट्रेलिया एक देश नही था, और ब्रिटिश साम्राज्य के ही अधीन था, हम लोग 1947 में आजाद हो लिए थे, पर ऑस्ट्रेलिया वालो को आज भी आजादी की कोई खास जरूरत है नही, जनमत संग्रह हुआ था शायद एक या दो बार उसमे भी पब्लिक बोली की सही है कोई परिवर्तन नहीं चाहिए। क्युकी चमड़ी सेम थी तो ऐसा कोई उतना अत्याचार टाइप वाला मामला नही था जैसा हम लोग झेले थे ब्रिटिश क्राउन से। तो ऐसा बाकी देशों वाला हाल नही था ऑस्ट्रेलिया का। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
बीच में न्यूजीलैंड की टीम फर्स्ट क्लास मैच खेलने आई थी, और एक दो बार दक्षिण अफ्रीका ने भी मैच खेला था। पर ज्यादातर मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच में होते थे। तो 1928 में वेस्ट इंडीज, 30 में भारत और 32 में न्यूजीलैंड को टेस्ट खेलने का दर्जा मिला तब जाकर ऑस्ट्रेलिया के सामने इंग्लैंड के अलावा और कोई टीम नजर आई। तब तक ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट डोमेस्टिक लेवल पर बहुत फल फूल चुका था। और बाद के सालो में भी ये लोग इंग्लैंड से ही खेलते रहे और 1931 में बॉडीलाइन सिरीज के अलावा बहुत कम ऐसे मौके आए जब ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड ने ढंग से टक्कर दी।
भारत को ही अपना पहला टेस्ट जीतने में बीस साल लग गए, वेस्ट इंडीज की टीम जो थी उसमे गोरे लोग का कब्जा था। ऑस्ट्रेलिया को ढंग की टक्कर तब मिली जब वेस्ट इंडीज वाले पहली बार अश्वेत फ्रैंक वरेल की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया से भिड़े। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया 83 साल पुरानी टीम थी, और वेस्ट इंडीज को जुमा जुमा 32 साल हुए थे। पहला टेस्ट ही इंडीज ने टाई करा दिया था, फिर एक ड्रा हुआ और दो हारे एक जीते। सिरीज ऑस्ट्रेलिया ने 2–1 से सिरीज जीत ली पर जान हलक में थी उनकी। वेस्ट इंडीज वालो की परफॉर्मेंस कितनी उल्लेखनीय थी ये इस बात से समझ लीजिए कि सिरीज खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया की सड़क पर ओपेन बस में वेस्ट इंडीज की टीम घूमी थी दर्शको को शुक्रिया कहने के लिए। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
फिर जब वन डे शुरू हुआ तो उस वक्त क्रिकेट की दुनिया में एक ही दादा था, वेस्ट इंडीज। ऑस्ट्रेलिया पुराना डॉन था क्रिकेट का, जब वेस्ट इंडीज की आंधी चली तो सबको उम्मीद थी कि उन्हे कोई टक्कर अगर देगा तो ऑस्ट्रेलिया ही देगी, क्युकी सबसे पुरानी और कामयाब टीम थी। पर ऐसा हुआ नही, 75 के वर्ल्ड कप में फाइनल मे हारे ये लोग विंडीज से। फिर लगा अगले वर्ल्ड कप में बताएंगे, अगले वर्ल्ड कप में ये लोग ग्रुप स्टेज से ही निकल लिए अच्छा चलता हु गाते हुए।
दो बार के बाद ये लगा की अब वेस्ट इंडीज को वर्ल्ड कप हैट्रिक से रोकना ही होगा वरना क्रिकेट एक तरफा लगने लगेगा। पर 83 में भी यही ऑस्ट्रेलिया ग्रुप स्टेज से निकल ली। तब अभेद अजेय वेस्ट इंडीज को रोका किसने? किसने रोका भाई? उस टीम ने रोका जिनका डोमेस्टिक स्ट्रक्चर तक सही से डेवलप नही हुआ था। सबसे पुरानी और मजबूत टीम की औकात ही नही थी की वेस्ट इंडीज के डोमिनेंस को चुनौती दे, हम थे जिन्होंने इंडीज के जबड़े से वर्ल्ड कप निकाल कर पूरी दुनिया को मौका दिया। पर ऑस्ट्रेलिया के चटोरो को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया वालो का माइंड सेट ही कप का होता है। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
अच्छा माइंडसेट से याद आया, टीम भावना देशप्रेम। 1977 में एक आदमी आया कैरी पैकर नाम से, उसका झगड़ा हुआ ऑस्ट्रेलिया बोर्ड से टीवी राइट को लेकर, तो उसने अपनी प्रतियोगिता शुरू कर दी। और ये जो ऑस्ट्रेलिया टीम है न, जिसके बारे में लोग कह रहे है कि ये लोग टीम के लिए खेलते है, देश के किए खेलते है, व्यक्तिगत फायदा नहीं देखते। यही ऑस्ट्रेलिया की टीम उस टाइम कैरी पैकर के फेके हुए सिक्को पर मुजरा करने लगी थी।1977 में जब ऑस्ट्रेलिया के 17 सदस्यों का दल इंग्लैंड दौरे पर पहुंचा तब पता चला कि “व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए ना खेलकर देश के लिए खेलने वाली” सबसे पुरानी और मजबूत एक व्यापारी के हाथो बिक गई।
सत्रह लोगो की टीम में से 13 लोगो को पैकर ने पैसे देकर खरीद लिया था।ऑस्ट्रेलिया बोर्ड को एक 41 साल के खिलाड़ी को रिटायरमेंट से वापस बुलाना पड़ा। दो साल, दो साल चला था ये मामला। और 79 में जब ऑस्ट्रेलिया वालो का देशप्रेम जागा (सुलह हो गई थी बोर्ड से) तो ये लोग वर्ल्ड कप खेलने गए और ग्रुप स्टेज से बाहर हो गए। तीन वर्ल्ड कप खत्म हुआ तब जाकर इस मजबूत टीम ने सन 87 में वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती। उसके बाद ये लोग खिताब बचाने उतरे तो 92 में नॉकआउट भी नही खेल पाए। ICC Cricket World Cup: Winners list in ODIs
40 साल पुरानी पाकिस्तान ने इनसे खिताब छीन लिया। फिर 96 में फाइनल में पहुंचे तो 14 साल पुरानी श्री लंका से हार गए फाइनल वो भी 22 गेंद पहले 7 विकेट से। एक सदी पुरानी टीम और डेढ़ दशक पुरानी टीम से फाइनल हार गई। ये था इनका टेंप्रामेंट और ट्रॉफी की भूख। शुरुआती 6 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप जीता था वेस्ट इंडीज ने और तीन एशियाई टीमें वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने घर के खूंटे में बांध चुकी थी। विश्व की सबसे पुरानी टीम वेट कर रही थी कि वेस्ट इंडीज वालो का बुरा दौर शुरू हो तो हम लहराए |
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